Thursday, 10 July 2014

Letter to PMOIndia - सुझाव - देश के विकास में खेलों के योगदान को उचित अवसर देने के संबंध में


03-जुलाई-2014
मुंबई
सेवा में,
माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी
प्रधानमंत्री
भारत सरकार

प्रिय महोदय

सुझाव - देश के विकास में खेलों के योगदान को उचित अवसर देने के संबंध में

भारत देश के युवाओं के प्रति आपके विचारों ने देश के हर युवा मे आशाओं और जोश का नया संचार कर दिया है। आज हर युवा देश की प्रगति में भागीदारी चाहता है जिसके लिए अवसरों की प्रतीक्षा वह जाने कब से कर रहा था। मुझे कतई संदेह नहीं कि देश की युवा शक्ति का सर्वोत्तम उपयोग आपके नेतृत्व में सरकार अवश्य करेगी। देश के ही एक युवा नागरिक होने के नाते मेरे मन में भी हमारी मातृभूमि को विकास की राह पर चलते देखने की प्रबल इच्छा है। विभिन्न मुद्दों पर मंथन करते समय मुझे युवाओं से जुड़े क्षेत्र “खेल” पर कुछ विचार आते हैं जो सुझाव के रूप मे यहाँ प्रस्तुत हैं :

आज विश्व मे खेलों के बढ़ते महत्व को कौन महसूस नहीं करता। परंतु मुझे लगता है की हमारे देश में अभी भी खेलों और उनसे जुड़े युवाओं के समग्र विकास का मुद्दा सही ध्यानकर्षण नही पा सका है। संभवतः इसी वजह से कुछ खेलों के अलावा अन्य खेल न तो यहाँ लोकप्रिय हो पाएँ हैं न ही विश्व स्तर पर हमारी राष्ट्रीय पहचान बढ़ाने में सहायक हो पाये हैं।

आज विश्व में खेल आर्थिक जगत में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। कई ऐसे खेल जो भारत में अपनी खास जगह नहीं बना सके हैं वे भी भारत को एक बाज़ार के रूप में दोहन करने में कोई कसर नहीं रख रहे हैं। टीवी, मीडिया, विज्ञापन जगत, खेल जगत से जुड़े ग्लैमर से भारत का युवा अछूता नहीं है परंतु ज़्यादातर एक बाज़ार के रूप में।

महोदय, भारत को आप एक मार्केट नहीं मैनुफेक्चुरिंग हब की तरह देखना चाहते हैं यह अत्यंत हीं प्रशंसनीय है। मेरा सुझाव है की मैनुफेक्चुरिंग हब की दिशा में हम Goods & Services के साथ Sports को भी मिला लें और आर्थिक भाषा में कहूँ तो हम विश्व स्तरीय खिलाड़ियों का उत्पादन करें और इस दिशा में मुझे लगता हैं कि “राष्ट्रीय खेल नीति बनाने कि आवश्यकता है जो खिलाड़ियो या खेलो से जुड़े लोगों को Engineer/ Doctor/ Banker/ Teacher आदि जैसा हीं आकर्षक career प्रदान करने का भरोसा दे सके। इस दिशा में मेरे कुछ सुझाव बिन्दुवार निम्नलिखित हैं :-
• राष्ट्रीय खेल नीति बनाई जाये जो देश में विभिन्न खेलों के विकास एवं monitoring हेतु रूपरेखा तैयार करे। विभिन्न खेलों व खेल संगठनों को इस खेल नीति का हिस्सा बनाया जाये।
• हर राज्य में निर्धारित संख्या में National School of Sports स्थापित किए जाये जहां का dedicated syllabus केवल स्पोर्ट्स हो और साथ में basic academic education दी जाय ठीक उसी प्रकार जैसे Academic Education School मे basic sports education दी जाती है। Sports Schools में 5वी – 6ट्ठी कक्षा से प्रवेश प्रारम्भ किया जा सकता है।
• Sports Schools की तर्ज़ पर ही उच्च शिक्षा हेतु National Collage of Sports की भी सुविधा हो।
• National School of Sports एवं National Collage of Sports के पाठ्यक्रम में अधिकतम खेलों को जगह दी जाय।
• एक Central University for Sports Education बनाई जाये जो National School of Sports एवं National Collage of Sports के पाठ्यक्रम का निर्धारण व संचालन करे।
• Academic Education की तरह यहाँ भी अर्धवार्षिक / वार्षिक परीक्षाएँ आयोजित होवे और छात्र / छात्राएं अगली कक्षा में promote होवे।
• स्पोर्ट्स स्कूल के बाद Sports Collage का प्रावधान हो। और इस प्रकार Academic Education की तर्ज़ पर Sports Education छात्रों को career में एक प्रेरक विकल्प के तौर पर उपलब्ध हो।
• इन school/ collage के छात्र / छात्राओं के लिए राष्ट्रीय / अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं अनेक अवसर प्रदान करेंगी।
• सेना व पुलिस आदि की भर्ती में इन संस्थानो से निकले छात्रों को प्राथमिकता मिले।खेलों के अनुशासन व शारीरिक क्षमताओं के दूरगामी परिणाम सेना व पुलिस को अधिक प्रभावी बनाने में कारगर साबित होंगे।
• देश मे हर क्षेत्र के School & College उपलब्ध हैं, यहाँ तक की संगीत एवं नृत्य के School & College भी उपलब्ध हैं, पर खेलों में career हेतु ऐसा कोई dedicated institutionary system अभी तक विकसित नहीं हुआ है।
• आज वक्त के साथ देश में ‘पहले पढ़ाई बाद में खेल’ की सोच बादल रही है। विभिन्न खेलो मे देश का नाम रोशन करने वाले खिलाड़ियों के academic education पर हम नजर डाले तो देखेंगे की कई ऐसे खिलाड़ी जो युवाओ के role model हैं, उन्होने अपनी पढ़ाई पूरी भी नही की। अर्थात मैं समझता हूँ की आज खेलों को भी academic education के समकक्ष रखने का वक्त आ गया है।

महोदय, देश के विकास के प्रति आपके सपनो को देखते हुए मुझे लगा की मैं इन सुझावों के माध्यम से कुछ contribution कर पाऊँ। आशा है कि इन सुझावों पर अवश्य ध्यान दिया जाएगा।

प्रगति पथ पर अनेक शुभकामनाओ के साथ।

आपका
प्रणव पीयूष